जिल्लत की मोहब्बत से, इज्जत का अकेलापन बेहतर है. Swatantra Shukla

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बहुत ही शरारती हैं…ये तेरी आवारा जुल्फें, हवा का बहाना बनाकर तेरे गालों को चूम लेती हैं…

बहुत ही शरारती हैं…ये तेरी आवारा जुल्फें, हवा का बहाना बनाकर तेरे गालों को चूम लेती हैं…

बंद हुए मंदिर, बाजार, अब चर्च-मस्जिद अर्थव्यवस्था में ध्यान दे दो सरकार…

  • बंद हुए मंदिर, बाजार, अब चर्च-मस्जिद अर्थव्यवस्था में ध्यान दे दो सरकार

स्वतंत्र लेखनी..🖋️

पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर

  • Swatantrashukla93@gmail.com

चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस नेे दुनियाभर में तहलका मचा रहा है और आज पूरा विश्वसमुदाय इसके खिलाफ लड़ने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा हैं। वहीं भारत भी इस वायरस से अछूता नहीं रहा है। आलम ये हैं कि अब तक देश में कोरोना के करीब 145 से अधिक मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। लिहाजा पूरी सरकारी मशीनरी कोविड-19 पर लगाम लगाने के लिए जुटी हुई है और लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय भी बताए जा रहे है। साथ ही एहतियातन भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर बचने की सलाह दी जा रही है और कई स्थनों को तो फिलहाल कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं जब देशभर में सार्वजनिक स्थल बंद हो रहे हैं तो भला मंदिर इससे कैसे अछूते रह सकते थे, लिहाजा भारत के तमाम बड़े मंदिरों की प्रशासन समितियों ने ताबड़तोड़ फैसले लेते हुए मंदिरों को बंद करना शुरू कर दिया जिसकी सूची भी काफी लंबी है। मंदिर बंद करने के पीछे मंदिर प्रशासन की ओर से हवाला दिया जा रहा है कि, भीड़ बढ़ने से कोरोना का खतरा ज्यादा है, ऐसे में मंदिर बंद रखे जाएंगे। वहीं इस विपदा की घड़ी में ऐसा कठोर निर्णय लेने पर तमाम बुद्धिजिवी, सरकार, पत्रकार और आम हिंदू जनता भी इस कदम की भूरि-भूरि प्रशांसा कर रही है।
एक तरफ देश के तमाम मंदिरों कोे कोरोना वायरस के भय के चलते बंद किया जा रहा है तो अब ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या देश की प्रमुख मस्जिद और चर्च कमेटियां भी अपने धार्मिक स्थलों को लेकर क्या ऐसा कोई निर्णय लेंगी…? क्योकि यदि दावा है कि भीड़ बढ़ने से कोरोना का खतरा बना रहता है तो मस्जिद और चर्च में भी लोगों की विशेष दिनों पर भीड़ उमड़ती है, ऐसे में लाजमी है कि इन धाार्मिक स्थलों को अल्पकाल के लिए बंद कर लोगों की भीड़ जुटाने से रोकने का प्रयास किया जाना चाहिए।

क्योकि शुक्रवार की नमाज का समय हो या रविवार को चर्च में प्रार्थना का दौर इन दिनों मस्जिदों और चर्चों पर खासी भीड़ उमड़ती है। लिहाजा ऐसे में भी कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बन सकता है। ऐसे में इन स्थलों के कर्ता धर्ताओं को भी आगे आना चाहिए और जिस तरह के प्रयास मंदिर समितियां कर रही है,उसी प्रकार के कदम मस्जिद और चर्च कमेटियों द्वारा भी उठाए जाने चाहिए।

हालांकि जब भी कोई व्यक्ति ऐसे विषयों को उठाता है तो उसे कट्टर समझकर उसकी आलोचना की जाती है और ‘सांम्रदायिक व्यक्ति‘ की उपाधि से नवाजा जाता है। लेकिन यहां बात किसी धर्म विशेष को निशाने पर लेने या किसी की आलोचना करने की नहीं, बल्कि बात है सामाजिक सुरक्षा की और इस वायरस को धराशाई करने की। ऐसे में मस्जिद एवं चर्च कमेटियों द्वारा भी मंदिर समितियों द्वारा की जा रही पहल में शामिल होना चाहिए और अपने धार्मिक स्थलों को अल्पकाल के लिए बंद करना चाहिए ताकि सामाजिक सहयोग के दम पर कोरोना पर बेहतरी के साथ अंकुश लगाया जा सके।
देश भर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या इन दिनों लगातार बढ़ रही है। इससे ना सिर्फ लोगों की जान जा रही है, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ रहा है। ऑटोमोबाइल उद्योग,पर्यटन, शेयर बाजार दवाई कंपनियों सहित कई सेक्टर प्रभावित होते नजर आ रहे हैं। सिर्फ आईपीएल मैच ही नहीं देश-दुनिया में होने वाले बड़े-बड़े समारोह को टाल दिया गया। अगर बात करें मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर की तो राजवाड़ा,कोठारी मार्केट में भी इन दिनो काफ़ी मंदी देखने को मिल रही है, सबसे ज्यादा लोगों की संख्या दिन रात इंदौर के अलग अलग चुनिंदा जगहों में देखने को मिलती है, परंतु कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण खाने के शौकीन दुनिया भर में नाम बना चुके सराफा बाजार एवं 56 दुकान भी इन दिनों बंद हैं। कोरोना वायरस केवल स्वास्थ संबंधी संकट ही नहीं बल्कि दुनिया के समक्ष एक खतरनाक आर्थिक संकट के रूप में उभरता हुआ दिख रहा है। दुनिया भर में व्याप्त कोरोना जैसी व्यापक महामारी के चलते बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान के साथ सरकार का राजस्व घाटा बढ़ेगा। आयात-निर्यात निरंतर प्रभावित है अनगिनत समस्याओं का सामना कर शहर के D-Mart में अत्यधिक मात्रा में ग्राहक खरीदारी के लिए लाइन लगाए रहते थे लेकिन कुछ दिनों के लिए बंद होने की वजह से काफ़ी मात्रा में नुकसान होता दिखाई दे रहा है। सभी सामग्री के मूल्यों पर बढ़ोत्तरी के साथ आवागवन के साधन रिक्शा, बस,ऑटो, व पेट्रोल पंप भी प्रभावित हो रहे हैं, मंडियों में बिकने वाली सब्जी, फल-फूल से व्यापारी वर्ग को गहरे नुकसान का बोझ उठाना पड़ रहा है।

दावे के मुताबिक लगातार बात की जा रही है की चीन से उपजा कोरोना वायरस मांस मच्छी के सेवन व सूप से हुआ है। अगर यह बात सही है तो आपको इस बात को भी आज जानना आवश्क है की भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बीफ निर्यातक देश है। तथा अगले दस साल तक यह स्थिति लगभग बनी रहेगी विश्वभर में बीफ निर्यातक देशों में ब्राजील पहले स्थान पर, जबकि आस्ट्रेलिया दूसरे स्थान पर है और भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा बीफ निर्यातक देश है और यह स्थिति अगले दशक तक बनी रहेगी। हालांकि, निर्यात होने वाले बीफ के प्रकार स्पष्ट नहीं है, लेकिन ज्यादातर निर्यात होने वाला मांस भैंसों का रहा है। निश्चित तौर पर अगर देखा जाए तो (गोमांस) को लेकर भाजपा चाहे कितना भी हल्ला मचाए पर सच यह है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद न केवल मांस का निर्यात बढ़ा है बल्कि नए बूचड़खाने व उनके आधुनिकीकरण में भी जोर हुआ है। सबसे अहम बात तो यह है कि भले ही हिंदूवादी संगठन धार्मिक आधार पर इसका विरोध कर रहे हों पर सच्चाई यह है कि देश के सबसे बड़े मांस निर्यातक हिंदू हैं। आम धारणा यह है कि मांस का व्यापार गैर हिंदू विशेषकर मुसलमान करते हैं पर तथ्य बताते हैं कि देश के सबसे बड़े चार मांस निर्यातक हिंदू है। चौंकाने वाली बात यह है कि अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी के राज्य गुजरात में जहां एक ओर नशाबंदी लागू है, वहीं नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद मांस का उत्पादन काफी बढ़ गया।

देशभर में कोरोना वायरस के चलते मंदिर प्रशासन मंदिरों को बंद करने का फैसला ले रहा है तो वहीं दूसरी ओर मस्जिदों और चर्च कमेटी की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया भीड़ भाड़ वाले क्षेत्र रेलवे, मंदिर होटल स्कूल कॉलेज में जाने से लोगों को मना कर दिया गया है, रखरखाव एवं बचाव के लिए मास्क सेनीटाइजर का अत्यधिक उपयोग किया जा रहा है कई लोग ऐसे हैं जिनके द्वारा मास्क, सैनिटाइजर का स्टाक जमा कर लिया गया है लोगों को आज यह जानना आवश्यक है कि अगर मास्क और सैनिटाइजर का स्टॉक जमा करके, दूसरों को नहीं दिया जाता है तो यह बीमारी आगे चलकर उन्हीं सब लोगों में व्याप्त हो जाएगी जो स्टॉक जमा कर रखे हुए हैं। अगर सभी को मास्क और सैनिटाइजर उपयुक्त रूप से मिल जाता है तो कोरोना से लड़ने का सबसे बड़ा उपाय होगा। मास्क, सैनिटाइजर की अपेक्षा अन्य कई सामानों की बिक्री में कमी आई है जिससे बिगड़ी हुई देश की अर्थव्यवस्था और बिगड़ सकती है एवं कोरोना जैसी भयानक महामारी देश ही नहीं पूरे विश्व को एक झटके में बर्बाद कर सकती है। लोगों के द्वारा कोरोना को फेसबुक व्हाट्सएप सोशल मीडिया के जरिए हंसी मजाक बनाया जा रहा है मुश्किल की घड़ी में सभी को सतर्कता के साथ एकजुट होकर भ्रामक संदेश फैलाने से रोकना चाहिए।

सामाजिक कार्यकर्ता RTI एक्टिविस्ट शिवानंद द्विवेदी को गुमराह करने पर राज्य सूचना आयुक्त ने विभागीय अधिकारी के प्रति की त्वरित कार्यवाही

Picture Shivanand Dwivedi

12 करोड़ के कराधान घोटाले में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कलेक्टर PIO और गंगेव CEO PIO के विरुद्ध RTI की धारा 20(1)/(2) के तहत की कार्यवाही ज्ञात हो की यह सम्पूर्ण मामला रीवा जिलांतर्गत गंगेव ब्लॉक में 12 करोड़ के कराधान घोटाले का है। PIO एवं FAO CEO गंगेव एवं PIO/FAO कलेक्टर के कार्यालय में सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी द्वारा दर्ज की गई RTI एवं अपील के द्वारा मांगी गई जानकारी को दोनो ही कार्यालयों CEO गंगेव एवं कलेक्टर रीवा द्वारा RTI आवेदक शिवानन्द द्विवेदी को गुमराह करने की नियति से गलत जबाब भेजा गया था। जिसकी स्थिति एवं जानकारी राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह को सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा ट्वीट कर साझा की गई, साथ ही ट्विटर के माध्यम से राज्य सूचना आयुक्त द्वारा दिए गए ईमेल में आर टी आई एक्टिविस्ट शिवानन्द द्विवेदी द्वारा राज्य सूचना आयुक्त के ईमेल में शिकायत को RTI की धारा 18 के तहत भेजी गई थी जिस पर विधिवत कार्यवाही करने की सूचना राज्य सूचना आयुक्त के द्वारा सोशल मीडिया के सहारे आज ट्विटर एवं व्हाट्सएप की मदद से सामाजिक कार्यकर्ता शिवानंद द्विवेदी को सूचित किया गया।

आशीष तिवारी ने राजधानी भोपाल में बढ़ाया रीवा का गौरव

आशीष तिवारी ने राजधानी भोपाल में बढ़ाया रीवा का गौरव

रीवा-गणतंत्र दिवस समारोह 2020 में बड़े पैमाने पर युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नेहरू युवा केंद्र संगठन मध्य प्रदेश द्वारा 27 नंवबर को राज्य संग्रहालय भोपाल में राज्य स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें मध्यप्रदेश के 35 जिले से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। रीवा जिले से चयनित प्रतिभागी युवा कवि आशीष तिवारी ने देशभक्ति एवं राष्ट्र निर्माण विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए रीवा जिले का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंडित अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.रामदेव भारद्वाज एवं वरिष्ठ डाक्टर सुधीर कुमार शर्मा एवं दूरदर्शन भोपाल की न्यूज़ एंकर डाक्टर तपस्या ने कवि आशीष तिवारी निर्मल को सम्मानित करते हुए बधाई दी वहीं नेहरू युवा केंद्र रीवा से जेआर पांडे,धीरज सिंह,विकास भारद्वाज, अभिषेक मिश्रा सहित युवा समाजसेवी शिवानंद द्विवेदी, स्वतंत्र शुक्ला, सुनील पांडे सहित विंध्य कवि दरबार ने आशीष तिवारी निर्मल को बधाई शुभकामनाएँ देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की है।।

सफ़र कोरेक्स का “विन्ध्य से राजधानी” खरी-खरी कहानी

■ ★ कोरेक्स का सफ़र रीवा से दिल्ली अब तक में आखिर पहुंच ही गया फिर भी क्या अंकुश लग पाएगा…?

विन्ध्य की ओर से पेश करते हैं खरी खरी पेशकश फिर से अलग अंदाज में …✍🏻..

धन्यवाद सांसद जी आपने इतने बड़े गम्भीर विषय को इतनी बड़ी गम्भीरता से उल्लेख करने का साहस सदन में दिखाया, क्योंकि आपको भी मालुम है कि देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था भी नशे के कारण ही चल रही है, देशी,विदेशी मदिरा दुकान गुटका तम्बाकू सिगरेट को लेकर आपने बोलने की हिम्मत उठाई है उससे व्यापार विकसित हो सकेगा, युवाओं को रोजगार भी मिलेगा, देश भी प्रगतिशील बनेगा किसान तो ट्रेंडिंग है। क्योंकि हमें तो अब ऐसा भी लगता है कि किसी दिन सभी मीडिया चैनल की हेडलाइन व प्रिंट मीडिया के जैकेट फ्रंट पेज में यह न दिख जाए कि अब हिमालय पर्वत की अनेकानेक औषधियों से निर्मित #स्वदेशी_दिव्य_मदिरा, #jio_कोरेक्स, स्वदेशी अपनाएं देश बचाएं, क्योंकि एक तरफ राष्ट्र हित तो दूसरी तरफ विज्ञापन का मामला है,और देश में वर्तमान समय में अप्रत्यक्ष रूप से “आपातकाल” लगा हुआ है। नौकरी,औऱ विज्ञापन का भी सवाल है,आखिर करें तो क्या करें…..? विन्ध्य से कोरेक्स की अवाज़ तो बहुत पहले उठ जानी चाहिए थी, लेकिन उसका कारण आपको भी पता है कि, प्रदेश में भाजपा की सरकार थी फिर जन हितैसी हम कैसे बन पाते…? विरोधाभास जाहिर करने का मौका कैसे प्राप्त हो पाता…?
हम ही नहीं सब मानते हैं कि “देश की सत्ता सशक्त हो, पर तानाशाह नहीं” फिर भी #मोदी_है_तो_मुमकिन_हैस्लोगन के अंतर्गत इस विषय को भी रख लिया जाय तो अफसाना किस बात का। ऐसे कई स्लोगन जनता को राजनैतिक दलों के द्वारा दिए जाते हैं जो जनता को याद रखना चाहिए, याद इसलिए होना चाहिए क्योंकि चुनाव के दौरान नेता से ज्यादा चहेते उनके सेनापति- (भक्त, चमचा ट्रेंडिंग है) होते हैं,जो दिनरात अपने दामन के लिए जुटे रहते हैं। हालांकि यह अलग बात है कि सपथ ग्रहण के बाद रीवा के बघेली मा कहावत ही के “को राजा, को जोगी” क्योंकि अगर बात करें तो जब रीवा में सम्भतः कोरेक्स की सुरुआत हुई थी तो आपके ही पार्टी के व रीवा के स्थानीय मंत्री म.प्र साशन में मौजूद थे,और उस दौरान भी आप लोकसभा में सबसे ज्यादा उपस्थिति दर्ज कराने वाले इकलौते सांसद थे।
खैर…अंत मे यह कहना बिल्कुल भी अतिशयोक्ति नहीं होगा की

“””देर हुई आने में तुमको…
सुकर है फिर भी आए हो”””

।। धन्यवाद.।।

★ पुनः हाजिर होंगे नई दास्तां के साथ
स्वतंत्र पत्रकार..✍🏻..

ग्राम पंचायत डाढ़ के “राजा” का प्रजा के लिए आमरण अनशन नहीं पहुँचे मौके पर तानाशाह अधिकारी

(Rewa, MP) डाढ़ के राजा का प्रजा के लिए आमरण अनशन का रहा दूसरा दिन, तानाशाह अधिकारी नहीं पहुँचे मौके पर (मामला जिले के त्योंथर ब्लॉक एवं तहसील की डाढ़ पंचायत का जिसमे आर टी आई एक्टिविस्ट पुष्पराज तिवारी उर्फ राजा ने ग्राम पंचायत के भ्रष्टाचार के विरुद्ध खोल रखा है मोर्चा, ग्रामीणों ने किया समग्र जांच की मांग)

दिनांक 24 नवंबर 2019, स्थान – गढ़/गंगेव, रीवा मप्र

पंचायती भ्रष्टाचार एवं मनरेगा में मजदूरों के अधिकारों के हनन को लेकर जिले की त्योंथर तहसील एवं ब्लॉक की डाढ़ पंचायत में दिनांक 23 नवंबर से जनता द्वारा आमरण अनशन किया जा रहा है जिसकी की आधिकारिक जानकारी ज्ञापन सौंप कर सामाजिक कार्यकर्ता एवं आर टी आई एक्टिविस्ट पुष्पराज तिवारी उर्फ राजा द्वारा सम्बंधित त्योंथर एसडीएम एवं सीईओ जनपद को दी जा चुकी है।
दिनांक 24 नवंबर को अनिश्चितकालीन आमरण अनशन का दूसरा दिन रहा। इस बीच शासन प्रशासन की तरफ से कोई सुध लेने नहीं आया जिसको लेकर अनशन कर्ताओं में काफी गुस्सा दिखा।

दूसरे दिन आमरण अनशन में यह रहे सम्मिलित

दूसरे दिन के अनशन में शामिल ग्रामीणों में सामाजिक आरटीआई कार्यकर्ता पुष्पराज तिवारी उर्फ राजा के साथ साथ इंद्रलाल साकेत, इंद्रजीत साकेत, मधेशिया साकेत, लालबहादुर साकेत, दीपक साकेत, रामनारायण साकेत, रामकली साकेत, महात्मा साकेत आदि सम्मिलित रहे। अनशन स्थल पर ग्रामीण महिलाएं भी सपोर्ट करती हुई दिखीं और अपने अधिकारों की आवाज को बुलंद किया।
ग्रामीणों ने बताया कि इस बीच कोई भी अधिकारी उनकी खोज खबर लेने नही आया। जबकि ग्रामीण पूरी रात ठंड में परेशान भी होते रहे इस बीच कुछ लोगों को ठंड लगने की वजह से स्वास्थ्य भी खराब हुआ जिनका की नजदीक ही कटरा में गोली दवा भी कराया गया।

मांग पूरी नहीं हुई तो करेंगे आंदोलन

अनिश्चितकालीन अनशन में शामिल कुछ ग्रामीणों जैसे इंद्रलाल साकेत, इंद्रजीत साकेत आदि ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता पुष्पराज तिवारी गांधीवादी विचारधारा के व्यक्ति हैं लेकिन अनशन में बैठे कुछ लोग भूंख से मरने की जगह पर आंदोलन करना ज्यादा बेहतर समझते हैं। लोगों का कहना था कि अब गांधीवादी समय नही रह गया और न ही वह अंग्रेज ही रह गए जो अहिंसावादी सिद्धान्तों का सम्मान करें। यदि हमारी मांगे नही मानी गयी और मनरेगा और पंचायती कार्यों की समग्र जांच होकर मजदूरों को उनका अधिकार नही मिला तो आने वाले दिनों में चक्काजाम वही किया जाएगा। वहरहाल प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक न तो सीईओ और न ही एसडीएम त्योंथर या कलेक्टर प्रतिनिधि कोई भी अनशनकर्ताओं की खोजबीन करने नही पहुंचे है।डाढ़ के राजा का प्रजा के लिए लगातार चल रहा आमरण अनशन, जिम्मेदार अधिकारी अंजानhttps://youtu.be/0B0voAViumA

डॉ. संगठन ने लगाया स्वास्थ्य शिविर, ग्रामीणों को वितरित की निःशुल्क दवा By :- Swatantra Shukla – November 23, 2019

आरोग्य भारती के तत्वावधान में इंदौर जिलान्तर्गत ग्राम गारीपिपलिया में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में इंदौर जिले के विभिन्न विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा करीब पांच सौ से अधिक ग्राम वासियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, यह स्वास्थ्य शिविर सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. समीक्षा नायक के द्वारा गरिपिपलिया ग्राम में लगाया गया था। स्वास्थ्य शिविर में विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों ने छात्र-छात्रा, महिलाओं, वृद्ध एवं बच्चों के स्वास्थ्य का गहनता से परीक्षण किया तथा आवश्यकतानुसार नि:शुल्क दवाइयां भी वितरित की, आरोग्य भारती के द्वारा लगाए गए इस स्वास्थ्य मिशन शिविर में ग्राम के लोगों ने अलग-अलग बीमारियों एवं खून की जांच कराई एवं सभी के खून का सैंपल लिया गया।

स्वास्थ्य शिविर आयोजन को सफल बनाने में मुख्य रूप से सामाजिक कार्यकर्ता डॉ समीक्षा नायक के साथ में ग्राम के सरपंच गोपाल पटेल, शहीद समरसता मिशन के जीतू झलारिया का विशेष योगदान रहा है।

शिविर में रोगों से संबंधी उपस्थित डॉक्टर

स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ विभूति ठाकुर, डॉ. रुचि शिवहरे, डॉ. निशांत खरे, (प्लास्टिक सर्जन), डॉ यशवंत पंवार, ( सर्व रोग विशेषज्ञ) डॉ पंकज दीक्षित पेट संबंधी,डॉ आशीष दास। डॉ रत्नेश खरे बच्चो से संबंधी, विशेषज्ञ उपस्थित रहे। शिविर में गाँव के लोगों ने खुलकर अपने बीमारियों को बारे में बताया, इसके होने के कारण भी डॉक्टर से पूछे, कि हमको किस प्रकार से रहने की आवश्यकता है। किस विषय पर सबसे ज्यादा जोर देना चाहिए जिससे हमेशा बीमारियों से दूर रहा जाए, इस विषय पर शिविर में उपस्थित डॉक्टरों ने समझाइस दिया कि उनके खान-पान की चीजों पर मुख्य रूप से ध्यान देना चाहिए,अपने आसपास स्वच्छ वातावरण को बनाए रखने से बीमारियों से निजात पा सकते है क्योंकि आज देखा जाए तो सबसे ज्यादा बीमारी मलेरिया, अस्तमा, डेंगू जैसे गंदगी में पलने वाले मच्छरों के कारण होती है।

डॉ. समीक्षा नायक सामाजिक कार्यकर्ता-

मैं लगभग पिछले छः माह से इंदौर क्षेत्र के कई गांवों में भ्रमण कर चुकी हूं लेकिन हमें ऐसा लगता है कि ग्रामीण स्तर तक सरकार की योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। सरकारी स्कूल,अस्पताल, के हालात बिगड़े हुए हैं, इसलिए हम सब डाक्टर की टीम ने सोचा क्यों न अपने देश के निर्माण में हांथ आगे बढ़ाएं महिलाओं को शिक्षा के साथ सिलाई कढ़ाई, बुनाई, बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने का कार्य हर गॉव में कर रहे हैं। गाँव में अज्ञानता के चलते जगह जगह कचरा एवं खुली नालियों के कारण कई लोगों की जान खतरे में आ सकती है इसलिए हम अब हर गॉव में स्वास्थ्य शिविर लगा के निःशुल्क दावा बटाने का कार्य करेंगे ।

ग्राम के सभी सदस्यों ने शांति पूर्ण जांच कराई और सभी डॉक्टरों से परिचय किया जिससे हम सब को बड़ा हर्ष हुआ, शिविर से गरीब लोगों की बीमारियों का निदान करने का कार्य समाज सेवा में सबसे सर्वोपरि कार्य है, उनको अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना हम सब की जिम्मेदारी है

मीडिया एंड सोसाइटी इन डेवलपिंग नेशन्स विषय पर पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संम्पन्न

इंदौर।मीडिया एंड सोसाइटी इन डेवलपिंग नेशन्स विषय पर पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संम्पन्न हुई,जिसमें यमन,सीरिया, फिलिस्तीन सहित अन्य कई राष्ट्रों के विषय विशेषज्ञों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। संगोष्ठी का शुभारंभ विषय माँ सरस्वती के पूजन एवं दीप प्रज्वलन के पश्चात कुलगीत गया कर हुआ।अतिथि देवो भवः की संस्कृति वाले हमारे भारत देश में विदेशी मुल्कों से आये शोधार्थियों का स्वागत विश्विद्यालय के पत्रकारिता भवन में कुमकुम का तिलक लगाकर किया गया।पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सोनाली नरगुंदे द्वारा अतिथि उद्धबोधन के साथ अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय वस्तु व विदेशी राष्ट्रों से पधारें अतिथियों का परिचय कराया। आपने संगोष्ठी में भाग ले रहे सभी शोधार्थियों को इस संगोष्ठी के माध्यम से मीडिया जगत को नया आयाम प्रदान करने हेतु शुभकामनाएं दी।
साथ ही संगोष्ठी में पधारें अतिथियों का स्वागत सूत की माला से किया।पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित इस एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने के लिए अतिथि के रूप में डॉ.फिरास सईद (सीरिया)
मिसेज़ लीन लिसा (सीरिया)मिसेज़ हनन अहमद अली – अल- जरमुजी (यमन)
मिस्टर अला हा -अल-अल्ह्मा (फिलिस्तीन)
मिस्टर जोसवा बोइट (केन्या)
मिस्टर सोरी मेंमैंडी कॉरमा (घाना)मुख्य रूप से उपस्थित रहें।जिन्होंने कॉन्फ्रेंस में अपने शोध पत्रों को प्रस्तुत किया।संगोष्ठी के उदघाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. जयंत भिसे (चिंतक,विचारक),
मा. डॉ .राजेश दीक्षित , (कुलपति, रेनेसॉ यूनिवर्सिटी)
सीरिया से पधारें डॉ.फिराज सैयद व पुष्पेंद्र पाल सिंह (माध्यम, मध्यप्रदेश जनसंपर्क भोपाल) शामिल हुए ।”जहां मीडिया अपना काम कर रहा है। वही समाज अपना काम कर रहा है।”
अतिथि उद्धबोधन में श्रोताओं को संबोधित करते हुए,
जयंत भिसे ने कहा -, हमें सबसे पहले माध्यम और समाज के बीच का अंतर समझना होगा। जहां पाश्चात्य संस्कृति में अंतिम इकाई व्यक्ति है, वही भारतीय संस्कृति में अंतिम इकाई परिवार है। हमें पद पर रहते हुए जिम्मेदारियों का पालन करना चाहिए, जहां मीडिया अपना काम कर रहा है। वही समाज अपना काम कर रहा है, यह समाज पर छोड़ दें कि क्या गलत है, और क्या सही? हमें समाज की तासीर को समझते हुए संदेश का सूचनाओं का प्रवाह करना चाहिए। क्योंकि जो परिवार के साथ चलता है,वही अच्छे समाज का निर्माण करता है और जब समाज अच्छा बनता है।तब माध्यम चाहे जो भी हो सूचनाओं का प्रभाव सरल और सुगम होता है। अयोध्या और 370 जैसे ज्वलंत मुद्दों पर मीडिया ने जिस प्रकार अपना असर छोड़ा है। वह हमारे समाज में प्रशंसनीय है इस प्रकार का मीडिया हमारा समाज चाहता है जो पारदर्शी हो।”मीडिया और पत्रकार को बदलते समाज का आईना।”
डॉ. राजेश दिक्षित ने कहा 21वीं सदी में डिजिटल मीडिया के साथ होकर भी हम आज उस दौर में जी रहे हैं, जहां पर जानकारियां फायर पान की तरह परोसी जा रही है जो दिखने में बड़ी और ज्वलंत है। वह हम तक पहुंचते-पहुंचते मीठी और स्वादिष्ट होती है, जो मनोरंजन का काम करती है। जहां उन्होंने मीडिया और पत्रकार को बदलते समाज का आईना कहा वही पत्रकार को टूल और मीडिया को एक शक्ति के रूप में देखा उनका कहना है, जब तक आप अपनी निधि सफलता को समाज के साथ नहीं बाटेंगे तब तक आप नायक नहीं बन सकते। अपनी बात रखने से पहले आपको यह सोचना होगा कि इसका परिणाम क्या है ? उसे पढ़ना समझना और रिसर्च के बाद देखना होगा इसका क्या प्रभाव आपके समाज पर पड़ेगा, कि कैसे आपका एक शब्द पूरी चीज बदल के रख सकता है।”हमारी संस्कृति की जड़ें इतनी मजबूत है कि जिसे कोई काट नहीं सका ।’
डॉ पुष्पेंद्र पाल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि -, दुनिया का हर व्यक्ति जर्नलिस्ट है । लेकिन अपनी जिम्मेदारियों से है वंचित , सोशल मीडिया के इस दौर में आज हर व्यक्ति पत्रकार जो अपने निजी स्वार्थ में सूचनाओं का को सन प्रेषित करता है। जहां उसे बहुत ही नहीं होता कि वह किस प्रकार की सूचनाओं का आदान प्रदान कर रहा है कि उसका प्रभाव हमारे समाज पर क्या पढ़ रहा है जहां एक और हम मीडिया के द्वारा परंपराओं का संरक्षण करने की बात करते हैं। वही आज दिन भर में एक न्यूज़ बड़ी मुश्किल से ऐसी होती है, जो हमारे और हमारे समाज पर असर कर जाती है तो यह किस प्रकार का डिजिटल मीडिया प्रचलन में है । कभी-कभी ऐसा लगता है की मीडिया समाज के साथ चल रहा है तो कभी मीडिया नया समाज बनाने का प्रयास कर रहा है, जिससे एक प्रकार की टकराव की स्थिति निर्मित करता है ।
विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में जहां कई शासकों ने शासन किया उसके बावजूद भी हमारी संस्कृति की जड़ें इतनी मजबूत है कि जिसे कोई काट नहीं सका ।भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में जहां नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्राप्त है वही मीडिया द्वारा नासमझी में भी गलत सूचनाओं देते हैं जिसका परिणाम समाज में स्थिर विचारों से मिलता है। जो हमें 5 से 10 साल पीछे ले जाता है तो यह किस प्रकार का अपडेट मीडिया है?जहां पहले मीडिया का काम सूचना देना शिक्षित करना और अपडेट रखना था वहीं वर्तमान में मीडिया का परिदृश्य सिर्फ सूचना का आदान प्रदान करना ।अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन दो तकनीकी सत्रों किया गया। जिसमें पहले तकनीकी सत्र में डॉ. संजीव गुप्ता ( विभागाध्यक्ष, पत्रकारिता विभाग,माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल)

डॉ. मीनु कुमार ( पत्रकारिता विभाग , देअविवि )
वहीँ दूसरे तकनीकी सत्र में
सीरिया से आये विषय विशेषज्ञ डॉ. फिरास साईड व डॉ. अनुराधा शर्मा द्वारा शोधकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत किये गए शोध पत्रों की समीक्षा की गई।पहले तकनीकी सत्र के में सीरिया के शोधार्थी डॉ. फिराज सैय्यद व उनके बाद व उनकी पत्नी लीन लिसा ने अपने रिसर्च पेपर के माध्यम से बताया कि सीरिया में किस तरह की परेशानियां है। चाहे वह राजनैतिक मतभेद , कुपोषण , कल्चर ,औऱ सोशल मीडिया से बदलते हालात में मीडिया किस तरह वहाँ रोल प्ले कर रहा है?
उस पर अपनी टिप्पणी दी।पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला के शोधार्थी सौरभ मिश्राम ने अपने शोध पत्र में बताया कि- एम्पोवेर्मेंट पर जिस तरह से आज कल एम्पावरमेंट विषय पर फिल्मे बनाई जा रही है वो भारत में बदलाव का कार्य कर रही है ,जो मीडिया के माध्यम से समाज को विकास करना है।यमन देश की शोधार्थी मिस.हनन अहमद अली अल जरमुजी ने अपने रिसर्च पेपर के माध्यम से उनके देश यमनकी परंपरा, खेल और भोजन के बारे में बताया कि किस तरह भारतीय बिरयानी को वहाँ बड़े चाव से खाया जाता है। जो संचार की शक्ति को बताता है , ओर साथ ही खेद भी जताया कि उनके खेलो को इंटरनेशनल ओलोपिक खेलों में नहीं लिया जाता और खाद्य , ईंधन एवं पानी की समस्या पर प्रकाश डाला।इतिहास गवाह है तलवार पर कलम हमेशा भारी रही है – डॉ. रेणु जैन
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र में चिंतक व विचारक श्री चिन्मय मिश्र व देअविवि कुलपति मा.डॉ. रेणु जैन अतिथि के रूप में उपस्थित रहें।कुलपति डॉ. रेणु जैन ने सभी शोधकर्ताओं व श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पास दो ही हथियार है एक तलवार तो दूसरा कलम।
और हमेशा अंत में कलम ही तलवार को मात देती है।
आपने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में पधारे विदेशी अतिथियों व शोधकर्ताओं को शुभकामनाएं दी व पत्रकारिता विभाग को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के सफ़लता के लिए बधाई दी। अपने कहा कि इस संगोष्ठी से निश्चित ही मीडिया जगत के कार्यों व इससे जुड़े शोधकर्ताओं व विद्यार्थियों को नई दिशा प्राप्त होंगी।
समापन सत्र के अतिथि
चिन्मय मिश्र ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में मीडिया के मापदंड दोहरे होते प्रतीत होते है। सोशल मीडिया के प्रचलन से प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का कार्य बढ़ा है। आपने अपने वक्तव्य में बदलते समाज के समीकरण को दर्शाते हुए समाज में बढ़ रही प्रतिस्पर्धा को समझाया साथ ही अपने इस बदलते वक्त के दौरान महसूस किए अपने अनुभवों को साझा किया।
समापन सत्र में श्री चिन्मय मिश्र, कुलपति डॉ. रेणु जैन व विभागाध्यक्ष डॉ. सोनाली नरगुंदे द्वारा संगोष्ठी में शोध पत्र प्रस्तुतकर्ता शोधार्थियों व वोलेंटियर्स को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का संचालन डॉ. कामना लाड, ऐश्वर्या इंगले,दिव्या हूरकट ने किया। कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. सोनली नरगुंदे द्वारा पूरी संगोष्ठी का सार समापन सत्र के अतिथियों को बताया गया व संगोष्ठी में सभी राष्ट्रों व राज्यों से पधारें अतिथियों व शोधार्थियों का आभार माना।